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यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा: चार की मौत, कई घायल।

 यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा: चार की मौत, कई घायल आगरा,  यमुना एक्सप्रेसवे पर  एक दर्दनाक सड़क हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत ...


 यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा: चार की मौत, कई घायल

आगरा,  यमुना एक्सप्रेसवे पर  एक दर्दनाक सड़क हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। हादसा आगरा के खंदौली क्षेत्र के पास हुआ जब सड़क किनारे खड़ी एक एक्सीडेंट गाड़ी को देखने के लिए रुके कुछ राहगीरों को तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने कुचल दिया। यह हादसा इतना भीषण था कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई और सड़क पर यातायात बाधित हो गया।


कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे पर पहले से एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर खड़ी थी। उस गाड़ी को देखने के लिए कुछ राहगीर सड़क किनारे रुके थे। इस बीच, नोएडा की तरफ से तेज रफ्तार में आ रही एक कार ने नियंत्रण खो दिया और सड़क किनारे खड़े लोगों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि चार लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि कुछ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार की गति बेहद तेज थी और चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया। राहगीरों को टक्कर मारने के बाद कार सड़क के किनारे जाकर पलट गई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी।

पुलिस और प्रशासन का त्वरित एक्शन

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय पुलिस ने घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने बताया कि हादसे में शामिल कार और अन्य गाड़ी को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। प्राथमिक जांच में तेज रफ्तार और लापरवाही को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है।


प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी हादसे का मंजर

हादसे के प्रत्यक्षदर्शी रामेश्वर सिंह ने बताया, "हम लोग पहले से खड़ी गाड़ी का हालचाल देखने के लिए रुके थे। तभी अचानक तेज रफ्तार से एक कार आई और हमें देखने का मौका भी नहीं मिला। कुछ ही सेकंड में सब खत्म हो गया। लोग इधर-उधर गिर गए, सड़क पर खून ही खून बिखरा था।"

एक अन्य चश्मदीद सुभाष यादव ने कहा, "कार की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि वह सीधे राहगीरों पर चढ़ गई। हादसा इतना भयानक था कि चार लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

" यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसे: एक चिंता का विषय यमुना एक्सप्रेसवे को देश के सबसे आधुनिक राजमार्गों में से एक माना जाता है, लेकिन यहां लगातार हो रहे सड़क हादसे चिंता का विषय बन गए हैं। एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार गाड़ियों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ सालों में यहां हजारों लोगों की जान जा चुकी है।


विशेषज्ञों के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

1. ओवरस्पीडिंग (तेज रफ्तार): एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति पर नियंत्रण नहीं रखा जाता है, जिससे हादसे होते हैं।

2. लापरवाही से वाहन चलाना: कुछ वाहन चालक लापरवाही और गलत दिशा में गाड़ी चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।

3. थकान के कारण गाड़ी चलाना: लंबी दूरी के कारण वाहन चालक थकान महसूस करते हैं और नियंत्रण खो बैठते हैं।

4. सुरक्षा उपायों की कमी: सड़क किनारे चेतावनी संकेतों और ब्रेकडाउन लेन के उपयोग में जागरूकता की कमी होती है।

आंकड़ों में यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसे

पिछले कुछ सालों के आंकड़े बताते हैं कि यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

2023: कुल 1,300 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

2022: 1,200 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 600 से अधिक लोगों की जान गई थी।

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही एक्सप्रेसवे पर यातायात नियमों को कड़ाई से लागू नहीं किया गया तो आने वाले समय में दुर्घटनाओं की संख्या और बढ़ सकती है।


प्रशासन की चुनौतियां और उपाय

यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वाहन चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण हादसों पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है।

कुछ जरूरी उपाय जो हादसों को रोक सकते हैं:

1. स्पीड लिमिट का सख्ती से पालन: वाहन चालकों को स्पीड लिमिट का पालन कराना जरूरी है। ओवरस्पीडिंग करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

2. सीसीटीवी और ट्रैफिक मॉनिटरिंग: एक्सप्रेसवे पर अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखी जा सके।

3. राहत सेवाओं की तत्परता: दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए एंबुलेंस और पुलिस की व्यवस्था को मजबूत किया जाए।

4. सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान: वाहन चालकों और आम जनता को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करना जरूरी है।

पीड़ित परिवारों का दर्द

हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए यह घटना एक गहरा सदमा है। मृतकों के परिजन रो-रोकर बेहाल हैं। एक पीड़ित के भाई  ने कहा, "मेरा भाई घर लौट रहा था, उसे क्या पता था कि यह उसकी आखिरी यात्रा होगी। हमारी पूरी दुनिया उजड़ गई।" घायलों के परिवारों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि दोषी वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।

सड़क हादसों पर सरकार का रुख

यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ते सड़क हादसों को लेकर सरकार भी गंभीर है। पिछले कुछ समय में कई उपाय किए गए हैं, लेकिन उनका असर अभी तक उतना प्रभावी नहीं रहा है। परिवहन मंत्री ने हाल ही में कहा था कि सड़क सुरक्षा के नियमों को और सख्त किया जाएगा और तेज रफ्तार गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

सड़क सुरक्षा के लिए सरकार के प्रस्तावित कदम:

1. इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS): वाहनों की गति पर नजर रखने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

2. सड़क किनारे सुरक्षा अवरोधक: दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क किनारे बैरिकेडिंग और चेतावनी संकेत लगाए जाएंगे।

3. अवेयरनेस कैंपेन: लोगों को सुरक्षित वाहन चलाने के प्रति जागरूक किया जाएगा।

यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। चार लोगों की असमय मौत और कई घायलों की हालत हमें याद दिलाती है कि तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाना कितना घातक हो सकता है। जरूरत इस बात की है कि यातायात नियमों का कड़ाई से पालन हो, प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाए और लोग खुद भी जिम्मेदारी के साथ वाहन चलाएं। अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों की संख्या और बढ़ सकती है।

(रिपोर्ट: संवाददाता, आगरा)


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