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खुदाई में मिले सोने के नाखून, ताबीज, जीभ; कीमत इतनी की कि एक ही बेचकर बन जाएंगे करोड़पति

मिस्र की खुदाई में मिले अद्भुत खजाने: सोने के नाखून, जीभ और ताबीज की कीमत करोड़ों में  प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहे मिस्र में पुरातात्विक खो...


मिस्र की खुदाई में मिले अद्भुत खजाने: सोने के नाखून, जीभ और ताबीज की कीमत करोड़ों में 

प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहे मिस्र में पुरातात्विक खोजें अक्सर चर्चा का विषय बनती हैं। यहां की जमीन के नीचे सदियों पुरानी सभ्यता के अनमोल खजाने छिपे हैं, जो समय-समय पर खुदाई के दौरान सामने आते हैं। हाल ही में, मिस्र में एक ऐसी ही खुदाई में अद्भुत प्राचीन कलाकृतियां मिली हैं, जिनकी कीमत इतनी अधिक है कि इन्हें बेचकर कोई भी आसानी से करोड़पति बन सकता है। मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि पुरातत्वविदों को इस खुदाई में सोने के बने नाखून, जीभ और कुछ ताबीज जैसी वस्तुएं मिली हैं। ये वस्तुएं न केवल प्राचीन मिस्र की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक हैं, बल्कि इनकी ऐतिहासिक और भौतिक कीमत भी बेहद अधिक है।

खुदाई का स्थान और ऐतिहासिक महत्व

इस खुदाई को मिस्र के उत्तरी हिस्से में अलेक्ज़ेंड्रिया के पास अंजाम दिया गया। यह स्थान प्राचीन मिस्र की सभ्यता और राजवंशों का केंद्र रहा है। अलेक्ज़ेंड्रिया मिस्र के पौराणिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसे महान अलेक्ज़ेंडर द्वारा बसाया गया था। यहां कई ऐतिहासिक स्मारक, मंदिर और कब्रें पाई जाती हैं। खुदाई के दौरान सोने की कलाकृतियों का मिलना न केवल प्राचीन काल के समृद्ध शिल्प कौशल को उजागर करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि इन वस्तुओं का इस्तेमाल धार्मिक अनुष्ठानों या शाही परंपराओं के तहत किया गया होगा।

सोने की जीभ और नाखून: अनूठी खोज

इस खोज में सबसे खास चीज़ है सोने से बनी जीभ। प्राचीन मिस्र में ऐसा माना जाता था कि मृतकों की आत्मा को अंडरवर्ल्ड (परलोक) में बोलने की आवश्यकता होती है। इसलिए, मृतकों को सोने की जीभ दी जाती थी ताकि वे परलोक में देवताओं से संवाद कर सकें।  इसके अलावा, सोने के नाखूनों का मिलना भी काफी अद्भुत है। इतिहासकारों के अनुसार, ये नाखून संभवतः राजघराने के सदस्यों या उच्च पद के व्यक्तियों के शवों के लिए बनाए गए थे। मिस्र की मान्यता थी कि सोना दिव्यता और शाश्वतता का प्रतीक है, और इसे शवों के संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

ताबीज: सुरक्षा और आध्यात्मिकता का प्रतीक

ताबीज भी प्राचीन मिस्र की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। माना जाता है कि ताबीज का उपयोग बुरी शक्तियों से सुरक्षा के लिए किया जाता था। ये धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वासों का प्रतीक होते थे। हालिया खुदाई में मिले ताबीजों पर जटिल नक्काशी और प्रतीक चिन्ह उकेरे गए हैं, जो उनके आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते हैं।

कलाकृतियों की कीमत 

खुदाई में मिली इन कलाकृतियों की कीमत का अंदाजा लगाना मुश्किल है, क्योंकि ये वस्तुएं न केवल सोने से बनी हैं, बल्कि उनका ऐतिहासिक महत्व भी अत्यधिक है। पुरातत्वविदों का मानना है कि इनकी कीमत करोड़ों में हो सकती है। मिस्र सरकार ने इन कलाकृतियों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया है और इन्हें किसी संग्रहालय में प्रदर्शित करने की योजना बनाई जा रही है।

प्राचीन मिस्र की संस्कृति और इन वस्तुओं का महत्व

प्राचीन मिस्र की संस्कृति अपने समृद्ध इतिहास और अद्वितीय परंपराओं के लिए जानी जाती है। यहां की धार्मिक मान्यताओं में जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का गहरा महत्व था। मृतकों के शरीर को ममी बनाकर संरक्षित करने की परंपरा इसी का हिस्सा थी। सोने की वस्तुएं और ताबीज मृतकों के साथ दफनाने का रिवाज उन्हें दिव्यता प्रदान करने और परलोक में उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए अपनाया जाता था। सोने की जीभ और नाखूनों का मिलना इस बात का प्रमाण है कि मिस्र के लोग अपने मृतकों को अत्यधिक सम्मान देते थे और उनकी आत्मा की परलोक में यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करते थे।

पुरातत्वविदों की प्रतिक्रियाएं

खुदाई में शामिल पुरातत्वविद इस खोज को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि ये वस्तुएं न केवल प्राचीन मिस्र की संस्कृति को समझने में मदद करेंगी, बल्कि यह भी पता लगाने में सहायक होंगी कि इन वस्तुओं का उपयोग किस प्रकार किया जाता था। एक पुरातत्वविद ने कहा, "हम इस खोज को एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानते हैं। इन कलाकृतियों की संरचना और डिज़ाइन अद्वितीय हैं और यह प्राचीन मिस्र के शिल्पकारों की कुशलता को दर्शाता है।"

भविष्य की संभावनाएं

इस खोज से प्रेरित होकर मिस्र सरकार ने अन्य संभावित स्थलों पर भी खुदाई करने की योजना बनाई है। यह माना जा रहा है कि अलेक्ज़ेंड्रिया और उसके आस-पास के क्षेत्र में अभी भी कई प्राचीन धरोहरें छिपी हो सकती हैं मिस्र में हुई इस हालिया खुदाई ने एक बार फिर प्राचीन सभ्यता की अद्वितीयता और समृद्धता को दुनिया के सामने लाया है। सोने की जीभ, नाखून और ताबीज न केवल प्राचीन मिस्र की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी साबित करते हैं कि इस सभ्यता के लोग कला और शिल्प में कितने कुशल थे। ये खोज न केवल इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आम लोगों को भी प्राचीन मिस्र की महानता और उसकी अनमोल धरोहरों की झलक दिखाती है। मिस्र की यह भूमि अभी भी अनगिनत रहस्यों को अपने भीतर समेटे हुए है, जो समय के साथ हमारे सामने आते रहेंगे।


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