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AAP की चौथी लिस्ट, नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे अरविंद केजरीवाल

  आम आदमी पार्टी ने चौथी और अंतिम लिस्ट जारी की: अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से, आतिशी और सौरभ भारद्वाज अपने क्षेत्रों से फिर मैदान में दिल्ली...


 

आम आदमी पार्टी ने चौथी और अंतिम लिस्ट जारी की: अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से, आतिशी और सौरभ भारद्वाज अपने क्षेत्रों से फिर मैदान में

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में सभी पार्टियां जुट गई हैं। चुनावी माहौल गरमाने के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी 38 उम्मीदवारों की चौथी और अंतिम सूची जारी कर दी है। इस सूची में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में शामिल है। पार्टी ने कई वर्तमान विधायकों पर भरोसा जताया है, जबकि कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया है। मुख्यमंत्री आतिशी एक बार फिर कालकाजी से चुनावी मैदान में उतरेंगी। इसी प्रकार, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को ग्रेटर कैलाश से प्रत्याशी बनाया गया है। दोनों नेता इन क्षेत्रों से पहले भी विधायक रहे हैं। पार्टी ने कस्तूरबा नगर सीट पर एक बड़ा फैसला लेते हुए मौजूदा विधायक मदन लाल का टिकट काटकर रमेश पहलवान को टिकट दिया है। रमेश पहलवान और उनकी पत्नी, पार्षद कुसुम लता, आज ही भाजपा छोड़कर आप में शामिल हुए हैं।

केजरीवाल बनाम संदीप दीक्षित: नई दिल्ली सीट पर हाई-वोल्टेज मुकाबला

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की संभावना है। यह सीट राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और यहां के नतीजों पर पूरे देश की निगाहें होंगी। अरविंद केजरीवाल ने पिछले तीन चुनावों में इस सीट पर जीत दर्ज की है। उनकी पहचान एक जन-आधारित, ईमानदार और विकासशील नेता की है।
दूसरी ओर, संदीप दीक्षित कांग्रेस के एक अनुभवी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं। वे अपनी साफ-सुथरी छवि और अनुभव के दम पर मैदान में उतर रहे हैं। इस मुकाबले को कांग्रेस की वापसी और आप के भविष्य का संकेतक माना जा रहा है।

आतिशी का कालकाजी गढ़

कालकाजी सीट से आतिशी, जो वर्तमान में दिल्ली सरकार में शिक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री हैं, एक बार फिर चुनाव लड़ेंगी। आतिशी का नाम दिल्ली की शिक्षा क्रांति से जुड़ा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने और महिलाओं के लिए नीतिगत सुधार लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों से होगा। भाजपा ने इस सीट पर युवा चेहरे को मैदान में उतारने की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस का उम्मीदवार अभी तय नहीं हुआ है।

ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज पर भरोसा

ग्रेटर कैलाश सीट पर सौरभ भारद्वाज को पार्टी ने दोबारा उम्मीदवार बनाया है। सौरभ भारद्वाज आप सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हैं और मोहल्ला क्लीनिक, अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए पहचाने जाते हैं। सौरभ भारद्वाज ने अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई है और पार्टी उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें दोबारा मैदान में उतार रही है। ग्रेटर कैलाश के चुनावी मुकाबले में भाजपा से टक्कर मिलने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस इस सीट पर अभी अपने उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पाई है।

कस्तूरबा नगर में नई रणनीति

कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र में आप ने बड़ा फैसला लेते हुए मौजूदा विधायक मदन लाल का टिकट काट दिया है। पार्टी ने रमेश पहलवान को टिकट दिया है। रमेश पहलवान और उनकी पत्नी कुसुम लता, जो पार्षद हैं, ने आज ही भाजपा छोड़कर आप का दामन थामा है। पार्टी का यह कदम क्षेत्रीय समीकरण और ताजगी लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

रमेश पहलवान एक स्थानीय नेता हैं और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और कांग्रेस इस सीट पर क्या रणनीति अपनाती हैं।

टिकट वितरण में महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता

आम आदमी पार्टी ने इस बार के टिकट वितरण में महिलाओं और युवाओं को खास तवज्जो दी है। पार्टी ने कई नई महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर चुकी हैं। आतिशी इसका प्रमुख उदाहरण हैं, जो न केवल मौजूदा विधायक हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।

पार्टी ने युवाओं को भी मौके दिए हैं। रमेश पहलवान जैसे नए चेहरे इसका प्रमाण हैं। यह कदम पार्टी की नई ऊर्जा और दृष्टिकोण को दर्शाता है।

पार्टी की रणनीति और चुनावी मुद्दे

आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, और पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर काम किया है। पार्टी का दावा है कि उसने दिल्ली की जनता के लिए ये सुविधाएं बेहतर और सुलभ बनाई हैं।

आप की चुनावी रणनीति इन उपलब्धियों को सामने रखते हुए भाजपा और कांग्रेस पर हमले करने की होगी। भाजपा पर आरोप लगाए जाएंगे कि वह दिल्ली सरकार के काम में रुकावट डालती रही है, जबकि कांग्रेस को एक कमजोर विपक्ष बताया जाएगा।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, "हमने दिल्ली के विकास मॉडल को साबित किया है। इस बार का चुनाव उसी पर केंद्रित रहेगा। जनता जानती है कि आप ने उनके लिए क्या किया है।"

भाजपा और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

आप की लिस्ट जारी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने कहा है कि आप सरकार ने विकास के नाम पर जनता को सिर्फ झूठे वादे दिए हैं। भाजपा ने अपनी तैयारियों को मजबूत करते हुए कई बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारने की योजना बनाई है।

कांग्रेस, जो पिछले विधानसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन कर चुकी है, इस बार वापसी की कोशिश में है। पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित जैसे अनुभवी नेता को मैदान में उतारकर अपनी गंभीरता दिखाई है।

चुनाव परिणामों का महत्व

दिल्ली के विधानसभा चुनाव न केवल राजधानी की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर डालते हैं। आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव उनकी उपलब्धियों को दोहराने का अवसर है, जबकि भाजपा और कांग्रेस के लिए यह आप को चुनौती देने का मौका है। आम आदमी पार्टी की चौथी और अंतिम सूची जारी होने के साथ ही अब दिल्ली की सभी सीटों पर उम्मीदवार तय हो चुके हैं। अगले कुछ हफ्तों में दिल्ली की सड़कों पर चुनाव प्रचार का जोर देखने को मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बार किसे अपना नेता चुनती है। आम आदमी पार्टी ने अपनी सूची जारी कर यह संकेत दे दिया है कि वह पूरे आत्मविश्वास के साथ चुनाव मैदान में है। अरविंद केजरीवाल, आतिशी, और सौरभ भारद्वाज जैसे नेताओं पर भरोसा जताना यह दर्शाता है कि पार्टी अपने काम और प्रभावशाली चेहरों के माध्यम से जनता के बीच जाएगी। अब यह देखना बाकी है कि क्या आप अपनी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों के दम पर फिर से सत्ता में वापसी कर पाएगी या भाजपा और कांग्रेस उसे कड़ी चुनौती देंगी। दिल्ली की जनता का फैसला आने वाले चुनाव परिणामों में सामने आएगा।

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