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शामली के 53 गांवों को मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण में किया गया शामिल ।

  उत्तर प्रदेश सरकार ने आखिरकार मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (एमडीए) के क्षेत्र विस्तार को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत जिले के कई महत्वपूर्ण इ...

 



उत्तर प्रदेश सरकार ने आखिरकार मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (एमडीए) के क्षेत्र विस्तार को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत जिले के कई महत्वपूर्ण इलाकों को प्राधिकरण में शामिल किया गया है। यह निर्णय जिले में विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस विस्तार के बाद, जिले के शामली और कैराना क्षेत्र, साथ ही अन्य कई छोटे-छोटे कस्बे और गांव अब प्राधिकरण के अधीन होंगे, जिससे इन क्षेत्रों में विकास की गति तेज हो सकेगी।

राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना का जारी होना

प्राधिकरण की सीमा विस्तार को लेकर लंबी प्रतीक्षा के बाद, 25 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर इस विस्तार को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी। अब मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में शामली और कैराना नगर पालिका परिषद, झिंझाना और बनत नगर पंचायत, और जिले के 53 गांव शामिल हो गए हैं। इससे यह साबित होता है कि अब यह क्षेत्र विकास के एक नए दौर में प्रवेश करने जा रहा है।

प्राधिकरण का विस्तार क्यों जरूरी था?

मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार की आवश्यकता पिछले कई सालों से महसूस की जा रही थी। पहले, प्राधिकरण का क्षेत्र केवल मुजफ्फरनगर शहर और उसके कुछ आसपास के इलाकों तक सीमित था, जिससे जिले के कई अन्य हिस्से विकास से वंचित रह गए थे। अब जब इस क्षेत्र का विस्तार किया गया है, तो इन इलाकों में बेहतर बुनियादी ढांचा, शहरी विकास, और नई योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

विकास प्राधिकरण का कार्य मुख्य रूप से शहरीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में काम करना है, जिससे इन क्षेत्रों में न केवल शहरी सुविधाएं मिल सकेंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

शामली और कैराना की अहमियत

शामली और कैराना जिले के प्रमुख कस्बे हैं जो पहले मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के दायरे से बाहर थे। इन क्षेत्रों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्राधिकरण का विस्तार इन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आवश्यक था। शामली में दिल्ली-शामली, सहारनपुर हाईवे, मेरठ-करनाल बाईपास, और पानीपत खटीमा हाईवे जैसे प्रमुख सड़क मार्ग गुजरते हैं, जो इसे एक व्यावसायिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

इसके अलावा, कैराना का ऐतिहासिक महत्व भी है। कैराना एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा है, और अब प्राधिकरण के दायरे में आने के बाद, इसे बेहतर बुनियादी ढांचा मिलेगा, जिससे यहां के नागरिकों की जीवनशैली में सुधार होगा।

नए विकास प्राधिकरण का रास्ता साफ

इस सीमा विस्तार के साथ, अब शामली जिले को अपना एक नया विकास प्राधिकरण मिल सकेगा, जो विशेष रूप से शामली और कैराना क्षेत्रों में विकास की योजनाओं को लागू करेगा। जिले के नए प्राधिकरण का गठन अब साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि तीन साल पहले, तत्कालीन डीएम जसजीत कौर ने शासन को अपने सुझाव भेजे थे। इसके बाद शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, और अब यह अधिसूचना जारी हो चुकी है।

नए प्राधिकरण के तहत जिले में बेहतर सड़क, जल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था, और शहरी नियोजन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली में सुधार हो सकेगा। यह प्राधिकरण शामली जिले को विकास की दिशा में एक नई पहचान दिला सकता है।

विस्तार का प्रभाव और इन क्षेत्रों के लिए नई योजनाएं

शामली जिले का विकास प्राधिकरण में समावेश अब इन गांवों और कस्बों के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत का संकेत है। इन क्षेत्रों में नए आवासीय परियोजनाओं, व्यापारिक केंद्रों, और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास होगा। इसके अलावा, सड़क नेटवर्क और यातायात प्रणाली में सुधार किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में यात्रा करना और माल का परिवहन करना आसान हो जाएगा।

गांवों की सूची जो प्राधिकरण में शामिल हुए

इस सीमा विस्तार में शामली जिले के कई महत्वपूर्ण गांवों को शामिल किया गया है। इनमें मुंडेटकलां, बधेव, टिटौली, खेड़ी करमू, लिलौन, ताजपुर, सिंभालका, बरलाजट, सेहटा, बनत प्रथम, द्वितीय, गोहरनी, महरमपुर, करोडी, सिक्का, सिलावर, धनेना, भैंसवाल प्रथम, द्वितीय, उस्मानपुर, हरड़ फतेहपुर, बंतीखेडा, बाबरी, बुटराड़ा, खेड़ी वैरागी, फतेहपुर, बलवा, कसेरवा कलां, कसरेवा खुर्द, झाल, काबड़ौत, ब्रहमखेड़ा, लोहरीपुर, पंजोखरा, जसाला, समसपुर, खंदरावली, दुल्लाखेडी, अलीपुर, ऐरटी, मन्ना माजरा, जगनपुरा, जहानपुरा, कंडेला, गढ़ साहिस्तापुर, बामनौली, शेखपुरा, रजाकनगर, जमालपुर, साल्हाखेडी, गांजीपुर, बुधपुरा, टपराना, और झिंझाना ग्रामीण जैसे गांव शामिल हैं।

इसके अलावा, ऊन तहसील के 53 गांवों और शामली, कैराना नगर पालिका परिषद, बनत और झिंझाना नगर पंचायत और शामली बाईपास को भी इस सीमा विस्तार के तहत शामिल किया गया है।

शामली और कैराना के विकास की दिशा

इस सीमा विस्तार के बाद, शामली और कैराना क्षेत्रों में शहरीकरण की प्रक्रिया तेज होगी। यहां नई रिहायशी कॉलोनियां, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे, जो इन इलाकों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे। साथ ही, यहां की सड़कें, बिजली, पानी, और अन्य बुनियादी सेवाओं में भी सुधार होगा।

इसके अलावा, क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं पर भी काम किया जाएगा, ताकि शामली और कैराना जैसे क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षक बन सकें 

मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार से शामली और कैराना के विकास की संभावनाएं बेहद उज्जवल हैं। यह न केवल इन क्षेत्रों के लिए विकास के नए अवसर उत्पन्न करेगा, बल्कि यह प्राधिकरण इन क्षेत्रों को बेहतर बुनियादी ढांचा, सेवाएं, और शहरी सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम होगा। साथ ही, विकास की यह नई लहर ग्रामीण क्षेत्रों को भी शहरी विकास की मुख्यधारा में लाएगी, जिससे इन क्षेत्रों के नागरिकों का जीवनस्तर बेहतर होगा। अब यह देखना होगा कि इन योजनाओं को सही समय पर लागू किया जाए और इन क्षेत्रों में लंबे समय तक स्थिर विकास सुनिश्चित किया जाए।


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