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समाजवादी परिवार में शोक: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का निधन ।

समाजवादी परिवार में शोक: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का निधन लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के परिवार में आज शोक की लहर दौड...


समाजवादी परिवार में शोक: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का निधन

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के परिवार में आज शोक की लहर दौड़ गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का निधन हो गया है। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आज सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे समाजवादी परिवार और पार्टी में गम का माहौल है राजपाल सिंह यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में किया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए परिवार के सदस्य, करीबी रिश्तेदार और पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटेंगे।

राजपाल सिंह यादव का जीवन परिचय

राजपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के एक मजबूत स्तंभ माने जाते थे। उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी सादगी और समाजसेवा की भावना ने उन्हें न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं बल्कि जनता के बीच भी बेहद लोकप्रिय बना दिया था। सैफई गांव में जन्मे राजपाल सिंह यादव ने समाजवादी आंदोलन से प्रेरणा लेकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे हमेशा से जनता के हितों के लिए कार्य करते रहे। उनका सादा जीवन और उच्च विचार उन्हें अपने परिवार और समाज में एक अलग पहचान दिलाते थे।

पार्टी और परिवार में शोक का माहौल

राजपाल सिंह यादव के निधन की खबर मिलते ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "चाचा राजपाल सिंह यादव के निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने हमेशा पार्टी और परिवार को एकजुट रखने का प्रयास किया। उनका स्नेह और मार्गदर्शन हमें हमेशा याद रहेगा।" पार्टी के अन्य नेताओं ने भी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे राजपाल सिंह यादव ने पार्टी के हर उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मेदांता अस्पताल में चल रहा था इलाज

राजपाल सिंह यादव पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। उनके इलाज के लिए उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका और आज सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।परिवार के सदस्यों ने बताया कि राजपाल सिंह यादव लंबे समय से कई बीमारियों से जूझ रहे थे। उनकी देखभाल के लिए परिवार के सदस्य लगातार उनके साथ थे।

सैफई में होगा अंतिम संस्कार

राजपाल सिंह यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में किया जाएगा। यह गांव यादव परिवार का गढ़ माना जाता है और यहां कई राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियां होती रही हैं। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल होने की संभावना है।

राजनीतिक जगत में शोक संदेश

राजपाल सिंह यादव के निधन पर राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "राजपाल सिंह यादव का निधन प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।"बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर कहा, "राजपाल सिंह यादव के निधन से समाजवादी पार्टी को एक अपूरणीय क्षति हुई है। मैं उनके परिवार और पार्टी के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करती हूं।"

समाजवादी आंदोलन में योगदान

राजपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को जमीन से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। उनके विचार और कार्य पंडित राम मनोहर लोहिया और डॉ. अंबेडकर की विचारधारा से प्रेरित थे। उन्होंने हमेशा समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए आवाज उठाई।उनका मानना था कि राजनीति केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाज के उत्थान के लिए होनी चाहिए। यही कारण था कि उन्होंने कभी बड़े पदों की लालसा नहीं रखी और पार्टी के लिए निष्ठा और समर्पण से काम किया।

सैफई की राजनीति में एक मजबूत हस्ताक्षर

राजपाल सिंह यादव ने सैफई को न केवल यादव परिवार का राजनीतिक गढ़ बनाया बल्कि इसे विकास का मॉडल भी बनाया। उनके प्रयासों से सैफई में कई सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती रही हैं।

यादव परिवार में एक और क्षति

यह पहली बार नहीं है जब यादव परिवार को ऐसी दुखद घटना का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में परिवार ने कई करीबी सदस्यों को खो दिया है। राजपाल सिंह यादव का निधन इस शृंखला में एक और बड़ी क्षति है।

समाजवादी पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण समय

राजपाल सिंह यादव का निधन समाजवादी पार्टी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय में हुआ है। जहां पार्टी आने वाले चुनावों की तैयारियों में जुटी है, वहीं इस दुखद घटना ने पूरे संगठन को गहरे शोक में डाल दिया है।

सैफई महोत्सव की यादें

राजपाल सिंह यादव का सैफई महोत्सव में अहम योगदान था। यह महोत्सव समाजवादी पार्टी की पहचान बन चुका है और यादव परिवार के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है। राजपाल सिंह यादव ने इसे सफल बनाने में हमेशा अपनी भूमिका निभाई।

यादों में जीवित रहेंगे राजपाल सिंह यादव

राजपाल सिंह यादव का निधन भले ही समाजवादी परिवार के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन उनके कार्य, उनके विचार और उनके योगदान उन्हें हमेशा जीवित रखेंगे। वे समाजवादी पार्टी के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। उनके निधन के बाद अब यह देखना होगा कि समाजवादी पार्टी और यादव परिवार उनके विचारों और नीतियों को किस तरह आगे बढ़ाते हैं।




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