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भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को जननायक की उपाधि इतिहास - रघु ठाकुर ।

  दिल्ली के लक्ष्मी नगर में जननायक कर्पूरी ठाकुर शोध संस्थान का आयोजन नई दिल्ली, 24 जनवरी: भारत के समाजवादी आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, दलितों...

 


दिल्ली के लक्ष्मी नगर में जननायक कर्पूरी ठाकुर शोध संस्थान का आयोजन

नई दिल्ली, 24 जनवरी: भारत के समाजवादी आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, दलितों, पिछड़ों और शोषितों के अधिकारों की आवाज़ बनने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती जननायक कर्पूरी ठाकुर शोध संस्थान, लक्ष्मी नगर (दिल्ली) में धूमधाम से मनाई गई। इस आयोजन में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रख्यात समाजवादी विचारक रघु ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर अनेक राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर के संघर्षों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कर्पूरी ठाकुर: संघर्ष और सादगी की मिसाल

मुख्य अतिथि रघु ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि जननायक जैसी उपाधि भारतीय राजनीति में किसी और नेता को नहीं मिली, क्योंकि यह उपाधि कर्पूरी ठाकुर के संघर्षों और उनके सामाजिक योगदान का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने अपना पूरा जीवन पिछड़े, दलितों, शोषितों और गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। वे संविधान समर्थक और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रभावित थे, इसलिए मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने साधारण जीवन जिया। रघु ठाकुर ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने समाज के सबसे पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया, जिससे सामाजिक न्याय की नई परिभाषा गढ़ी गई। वे न सिर्फ एक जननेता थे, बल्कि सच्चे मायने में गांधीवादी और समाजवादी आदर्शों के प्रतीक थे। उनका जीवन त्याग, ईमानदारी और संघर्ष से भरा हुआ था, और वे आज भी करोड़ों पिछड़े समाज के लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।

सैन समाज और अन्य संगठनों की भागीदारी

इस कार्यक्रम की शुरुआत सैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशन सैन द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के जीवन और विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे गरीबों और वंचितों के मसीहा थे। उन्होंने समाजवाद को सिर्फ विचारों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे जमीन पर लागू किया। कर्पूरी ठाकुर के फैसले आज भी सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर हैं।
संस्थान के चेयरमैन सी. पी. सिंह ने बताया कि यह कार्यालय सैन समाज के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग के अन्य समाजों के लिए भी खुला रहेगा। यहां बाहर से आने वाले छात्रों और अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था होगी, जिससे सामाजिक और शैक्षणिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।जयकिशन ठाकुर, हरीश चौधरी, महेश मानव राजपूत, सपा नेता रविंद्र प्रधान जोगी सहित अन्य नेताओं ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

कर्पूरी ठाकुर के योगदान को किया गया याद

कार्यक्रम की अध्यक्षता मूलचंद सोलंकी ने की। इस मौके पर वीरेंद्र कुशवाहा, सेवा राम चंदेला, सतीश सैन, हरीश चौधरी, विरपाल चौहान, मुकेश चंद्रा, पवन कुमार, मनोज सैन, अशोक सैन, फिरे राम कौशिक, संजय सैन, सुरेश कुमार, हर्षवर्धन कुशवाह आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सभी नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर के सामाजिक और राजनीतिक योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि ठाकुर जी ने अपनी सरकार के दौरान मुफ्त शिक्षा, पिछड़ों के लिए आरक्षण, शराबबंदी और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों को लागू कर समाज में बड़ा बदलाव लाने का प्रयास किया।

जननायक की विरासत आज भी प्रासंगिक

वक्ताओं ने कहा कि आज जब समाज में असमानता और अन्याय की समस्या बनी हुई है, तब कर्पूरी ठाकुर के विचार और उनकी नीतियां और भी अधिक प्रासंगिक हो गई हैं। उन्होंने जो सामाजिक न्याय की लड़ाई शुरू की थी, उसे आज के युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में सुपर सैन द्वारा मिठाइयां वितरित की गईं और कर्पूरी ठाकुर के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई


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