बाबा साहब गॉड गिफ्ट हैं जो सदियों से सदियों तक अमर रहेंगे: इकराम राव शामली में समाजवादी पार्टी का प्रादेशिक धरना प्रदर्शन शामली: समाजवादी ...
बाबा साहब गॉड गिफ्ट हैं जो सदियों से सदियों तक अमर रहेंगे: इकराम राव
शामली में समाजवादी पार्टी का प्रादेशिक धरना प्रदर्शन
शामली: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व में 21 दिसंबर को आयोजित एक दिवसीय प्रादेशिक धरना प्रदर्शन ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के विभिन्न संगठनों, जैसे पिछड़ा वर्ग, मजदूर सभा और अनुसूचित जाति के नेताओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज की। सपा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई कथित अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में था।
संसद में गृहमंत्री का बयान और देशव्यापी विरोध
सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बाबा साहब के खिलाफ टिप्पणी कर अपनी मानसिकता का प्रदर्शन किया है। सपा के नेताओं का कहना है कि यह बयान न केवल गरीब, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों बल्कि विदेशों में बाबा साहब के सिद्धांतों को मानने वालों के लिए भी आघातकारी है।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में इस बयान के विरोध में प्रदर्शन आयोजित किए गए। कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री के इस्तीफे और माफी की मांग की।
रवींद्र प्रधान जोगी (प्रदेश सचिव, पिछड़ा वर्ग सपा):
उन्होंने कहा, "संसद की गरिमा देश के हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। संसद वह स्थान है जहां देश के पक्ष-विपक्ष के नेता दिन-रात देश सेवा में लगे रहते हैं। ऐसे में गृहमंत्री का यह अमर्यादित बयान निंदनीय है। यह बयान न केवल संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाता है बल्कि इससे सर्वसमाज की भावनाओं को आघात हुआ है।"
इकराम राव (जिलाध्यक्ष, मजदूर सभा):
इकराम राव ने कहा, "बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को 'गॉड गिफ्ट' कहा जाता है। उनके सिद्धांत और विचारधारा इस देश की मजबूत नींव हैं। ऐसे महापुरुष सदियों तक अमर रहते हैं। गृहमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी से समाज में आक्रोश है, और इससे सड़कों से संसद तक विरोध हो रहा है।"
विक्की देशवाल (सपा नेता):
विक्की देशवाल ने कहा, "हर चुनाव के समय ये नेता खुद को बाबा साहब का अनुयायी बताते हैं, लेकिन उनके बयान उनकी असली मानसिकता को उजागर करते हैं। इस तरह की बयानबाजी न केवल दलित समाज बल्कि सर्वसमाज के लिए भी अस्वीकार्य है।"
राशिद मलिक (जिला सचिव):
उन्होंने कहा, "गृहमंत्री के बयान पर जिस तरह से देशभर में विरोध हो रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि जनता इस बयान को स्वीकार नहीं कर सकती। अमित शाह को स्वयं ही इस्तीफा दे देना चाहिए।"
महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया
सपा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया गया कि गृहमंत्री का बयान समाज के सभी वर्गों के लिए अपमानजनक है और उनकी माफी और इस्तीफा इस मामले का एकमात्र समाधान है।
ज्ञापन देने वालों की उपस्थिति
ज्ञापन सौंपने वालों में सपा के कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। इनमें इकराम राव (जिलाध्यक्ष, मजदूर सभा), रवींद्र पाल (जिलाध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग सपा), राजन तेजान (पूर्व जिलाध्यक्ष, अनुसूचित जाति/जनजाति), राशिद मलिक (जिला सचिव, पिछड़ा वर्ग सपा), विक्की देशवाल, ऋतिक बौद्ध, बाबू मलिक, शौकीन अब्बासी, डॉ. राजकुमार कश्यप, डॉ. अनुज सैनी, वकार राव, प्रमोद कश्यप, सारिका मलिक, सतबीर सैनी, कृष्ण कश्यप, सचिन मलिक, पाल सिंह, सावन गौतम, इंतजार मंसूरी, संदीप शेरवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।
गृहमंत्री के बयान की आलोचना और सपा का रुख
गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर सपा ने कड़ा रुख अपनाया है। सपा का कहना है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान की नींव रखी थी। उनके विचार और सिद्धांत न केवल भारत बल्कि विश्वभर के लिए प्रेरणादायक हैं। गृहमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी समाज के कमजोर वर्गों को अपमानित करने का प्रयास है।
समाजवादी पार्टी की मांगें
1. गृहमंत्री अमित शाह को संसद में दिए गए बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
2. गृहमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
3. संविधान और बाबा साहब के सम्मान की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
विरोध प्रदर्शन और जन समर्थन
यह विरोध प्रदर्शन न केवल शामली बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया। सपा कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर बाबा साहब के सम्मान में नारे लगाए। जनसमर्थन भी व्यापक रूप से देखने को मिला, जहां विभिन्न वर्गों के लोग सपा के साथ खड़े नजर आए।
बाबा साहब: सदियों तक प्रेरणा का स्रोत
डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता और सामाजिक न्याय का मसीहा माना जाता है। उनके विचारों और सिद्धांतों ने भारत को एक सशक्त लोकतांत्रिक देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे महापुरुष के खिलाफ बयानबाजी को देश के हर वर्ग ने निंदनीय माना है।
समाजवादी पार्टी के इस विरोध प्रदर्शन ने गृहमंत्री अमित शाह के कथित बयान के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है। बाबा साहब के प्रति सपा का समर्पण और उनके सम्मान की रक्षा के लिए उनकी मांगें सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती पेश करती हैं। अब देखना यह है कि सरकार और गृहमंत्री इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें