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भारतीय क्रिकेटर आर अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास ।

 रविचंद्रन अश्विन ने 2025 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके भारतीय क्रिकेट जगत को चौंका दिया ह...




 रविचंद्रन अश्विन ने 2025 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके भारतीय क्रिकेट जगत को चौंका दिया है। यह खबर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अश्विन भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा, "यह भारतीय क्रिकेट के लिए मेरा आखिरी दिन है।"

अश्विन का क्रिकेट करियर: एक नजर

रविचंद्रन अश्विन ने 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया में एक मजबूत जगह बनाई। अश्विन ने टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और अपने पूरे करियर में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अश्विन ने अब तक 94 टेस्ट मैचों में 500 से अधिक विकेट लिए हैं, जो उन्हें दुनिया के सबसे महान स्पिन गेंदबाजों में शामिल करता है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कई ऐतिहासिक प्रदर्शन किए हैं। चाहे 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 12 विकेट हों, या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान निर्णायक गेंदबाजी, अश्विन ने हर बार अपने प्रशंसकों को गर्व महसूस कराया।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2025 और अश्विन का प्रदर्शन

2025 में खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान, अश्विन को दूसरे टेस्ट मैच में मौका दिया गया। हालांकि, इस मैच में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुसार नहीं रहा। उन्होंने अपनी गेंदबाजी में वह धार नहीं दिखाई, जिसके लिए वह जाने जाते थे। उनके इस प्रदर्शन के बाद क्रिकेट पंडितों और प्रशंसकों ने यह अटकलें लगानी शुरू कर दी थीं कि अश्विन अपने करियर के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। अश्विन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "क्रिकेट मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है। मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता और जुनून के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन अब समय आ गया है कि मैं इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहूं। यह फैसला मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन मैं इसे अपने और टीम के हित में सही मानता हूं।" उन्होंने अपने कोच, टीम के साथियों, और प्रशंसकों का धन्यवाद करते हुए कहा, "मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने मेरे करियर के दौरान मुझे समर्थन दिया। मैं खासकर अपने परिवार का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हर मुश्किल समय में मेरा साथ दिया।"

अश्विन का योगदान: आंकड़ों के माध्यम से

अश्विन ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए।

1. टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन:

94 मैचों में 500+ विकेट

11 बार 10 विकेट और 34 बार 5 विकेट लेने का कारनामा

बल्लेबाजी में भी योगदान देते हुए 5 शतक और 13 अर्धशतक

2. वनडे क्रिकेट:

113 मैचों में 151 विकेट

2011 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य

3. टी20 क्रिकेट:

65 मैचों में 72 विकेट

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी बेहतरीन प्रदर्शन

अश्विन का प्रभाव और विरासत

अश्विन को न केवल एक गेंदबाज के रूप में बल्कि एक क्रिकेट विचारक के रूप में भी जाना जाता है। उनकी गेंदबाजी में विविधता, विकेट लेने की कला और खेल के प्रति उनकी समझ ने उन्हें दूसरों से अलग बनाया। वह भारतीय क्रिकेट के लिए सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा थे। उनकी विरासत न केवल उनके आंकड़ों में झलकती है, बल्कि उन युवा खिलाड़ियों में भी दिखती है, जो उनके मार्गदर्शन में विकसित हुए। रविचंद्रन अश्विन ने हमेशा अपने ज्ञान को साझा किया और भारतीय क्रिकेट में नए आयाम जोड़े।

भारतीय क्रिकेट पर प्रभाव

अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट को एक बड़ा झटका लगेगा। उनकी जगह भर पाना आसान नहीं होगा। हालांकि, भारत के पास रवि बिश्नोई, कुलदीप यादव और वाशिंगटन सुंदर जैसे प्रतिभाशाली स्पिनर हैं, लेकिन अश्विन जैसा अनुभव और समझ किसी के पास नहीं है।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं

अश्विन के संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट जगत से कई प्रतिक्रियाएं आईं। विराट कोहली ने कहा, "अश्विन के साथ खेलना मेरे करियर के सबसे बेहतरीन पलों में से एक था। वह एक सच्चे योद्धा हैं और भारतीय क्रिकेट के लिए उनका योगदान अमूल्य है।" सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया, "अश्विन ने हमेशा अपनी रणनीतिक सोच और खेल के प्रति जुनून से प्रभावित किया। उनके संन्यास के बाद भारतीय टीम में उनकी कमी खलेगी।" ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने भी अश्विन को सम्मान देते हुए कहा, "अश्विन दुनिया के सबसे चतुर गेंदबाजों में से एक हैं। उनके खिलाफ खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक रहा।"

भविष्य की योजनाएं

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अश्विन ने अपनी भविष्य की योजनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि वह भारतीय घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए खेलना जारी रखेंगे और क्रिकेट से जुड़े अन्य क्षेत्रों, जैसे कोचिंग और कमेंट्री में भी अपना योगदान देंगे। रविचंद्रन अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। उन्होंने अपने करियर में जिस तरह का प्रदर्शन किया और भारतीय टीम के लिए जो योगदान दिया, उसे आने वाले समय में याद किया जाएगा। उनकी कमी न केवल टीम इंडिया को बल्कि उनके प्रशंसकों को भी खलेगी। अश्विन के जाने के साथ, भारतीय क्रिकेट को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उनकी प्रेरणा और सीख हमेशा भारतीय खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रेमियों के साथ रहेगी।


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