मुजफ्फरनगर। मीरांपुर विधानसभा उपचुनाव में 1,25,000 से अधिक मुस्लिम तथा 50 हजार से अधिक दलित और वंचित समाज के मतदाताओं को जो डर था उसे आज ...
मुजफ्फरनगर। मीरांपुर
विधानसभा उपचुनाव में 1,25,000 से अधिक मुस्लिम तथा 50 हजार से अधिक दलित और वंचित समाज के मतदाताओं को जो डर था उसे आज पुलिस ने सच साबित कर डाला। दोपहर 2 बजे तक सीकरी, ककरौली, तेवडा तथा एक दर्जन से अधिक अन्य स्थानों से मुस्लिमों की ओर से यही आवाज आती रही कि लोकतंत्र में उनके साथ इस बार यह सौतेला व्यवहार क्यो हा रहा है कि उन्हे मतदान केन्द्र तक ही नही जाने दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में मीरांपुर सहित 9 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव को लेकर योगी सरकार तथा मुख्य
विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। योगी सरकार की इच्छा जहां लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद इस चुनाव में अधिकाधिक सीट जीतकर यह साबित करने की है कि बंटेगे तो कटेंगे का नारा कारगर रहा तथा प्रद. 'श की जनता हर तरह से योगी के साथ है। वहीं सपा नेता अखिलेश यादव इसे 2027 के विधानसभा चुनाव का ट्रेलर बताकर दांवे करते रहे कि 9 में से 7 से अधिक सीटें सपा की झोली में जा रही हैं तथा प्रदेश से भाजपा का जाना तय हो गया है।
दावे और प्रतिदावों के बीच योगी का यह कहना भी चुनाव में सुर्खियों में रहा कि इस उपचुनाव को
भाजपा रामपुर स्टाइल में लडेगी। उसी वक्त मुस्लिम मतदाताओं को
आने वाले उपचुनाव की पिक्चर कुछ-कुछ करके क्लीयर होने लगी थी तथा उनमें यह आशंका और डर भी पैदा होने लगी थी कि जैसे भाजपा ने मौहम्मद आजम खां के गढ रामपुर में सपा को हराकर भाजपा का कमल खिलाया था, वैसे ही इस उपचुनाव में करने का प्रयास किया जायेगा। आज उपचुनाव के दौरान जब मतदान शुरू हुआ तो सीकरी, ककरौली सहित कई जगहों से मुस्लिमों का यह दर्द उभरकर सामने आया कि पुलिस उन्हें मतदान केन्द्रों तक नही जाने दे रही है, जबकि उनके पास भारत सरकार द्वारा जारी वैध पहचान पत्र हैं, उसकेबा वजूद उनके साथ सौतला व्यवहार
किया जा रहा है तथा पुलिस डंडे और हथियारों के बल पर उनकी आवाज को दबा रही है, इससे लोकतंत्र की मूल भावना तार-तार हो गयी है। मीडिया में बडी तेजी से ऐसी खबरे चलने के बाद चुनाव आयोग एक्टिव हुआ तथा एसएसपी ने दो दरोगा नीरज कुमार थाना शाहपुर व ओमपाल सिंह थाना भोपा को चुनाव आयोग की मंशा अनुरूप कार्य न करने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। डीएम ने भी उक्त स्थानों पर जाकर अपनी सुरक्षा में मतदान सुचारू कराया, इसके बाद बडी संख्या में मुस्लिमों ने मतदान किया और प्रदेश सरकार को यह साफ संदेश दिया कि वह रामपुर
लेकिन हर कोई लोकतंत्र के निष्पक्ष प्रहरियों के बदलते मिजाज से दुखी और खिन्न है, क्योंकि लो. कतंत्र में मताधिकार के रूप में ही सबको समान अधिकार मिले हैं। हार जीत किसी की भी हो, लेकिन जनता के वोट की इज्जत और ताकत बरकरार रहनी चाहिए। कोई भी गलत परम्परा लोकतंत्र की मूल भावना को खतरे में डाल सकती है इसलिए पैनी की ठोड पर बोट डालने की प्रवृत्ति पुनः। जागृत नहीं होनी चाहिए।
क्षेत्र के लोगों की तरह सब कुछ सहन करने वाले नहीं है तथा लोकतान्त्रिक तरीके से ही आवाज उठाकर अपना हक पाने का माद्दा रखते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें